रात में आई बुर्कापोश महिला ने मदद के लिए दरवाजा खटखटाया.. दहल गई रामवाटिका
प्रतीकात्मक फोटो - फोटो : प्रतीकात्मक फोटो
सराफ के घर पहुंची महिला को इनकार के बाद दो युवकों के साथ बाइक पर लौटते देख फैली दहशत
कॉलोनी के लोगों ने तीन गेटों पर कराई तालाबंदी, चौथे गेट पर निगरानी के लिए गार्ड को किया तैनात
बरेली। लगातार अजीबोगरीब घटनाओं से रामवाटिका कॉलोनी में दहशत का माहौल है। चार दिन पहले घरों में ब्लेड से महिलाओं के कपड़े काटते हुए एक युवक को पकड़ा गया था, शनिवार रात आठ बजे एक बुर्कापोश महिला ने सराफ के घर की कॉलबेल बजाकर मदद मांगी तो और हड़कंप मच गया। मदद से इनकार करने के बाद महिला को थोड़ी दूर खड़े दो लड़कों के साथ बाइक पर लौटते देख और ज्यादा अटकलबाजी शुरू हो गई। काफी देर कॉलोनी के लोग घर के बाहर निकलकर चर्चा करते रहे। इसके बाद कॉलोनी के तीन गेट बंद करके चौथे गेट पर गार्ड तैनात कर दिया है।
गेट नंबर एक के पास रहने वाले संजीव जिंदल की आलमगीरीगंज में सराफा दुकान है। वह शनिवार रात आठ बजे अपने घर में ही थे। किसी ने उनके घर की घंटी बजाई। संजीव निकले तो मेन गेट पर एक बुर्कानशी महिला को देखा। महिला उनसे बोली कि कुछ मदद कर दीजिए। संजीव अंजान महिला के इस तरह आकर मदद मांगने से हक्केबक्के रह गए। उन्होंने बिना गेट खोले कहा दिया कि वह कुछ नहीं कर सकते, चली जाओ। सराफ के इंकार पर महिला निकली और थोड़ा आगे लगी एक बाइक पर बैठे दो युवकों के पास पहुंची। इस बीच सराफ भी दरवाजे पर निकल आए। एक बाइक पर तीनों लोग बैठकर कॉलोनी से निकल गए। पीछे से एक और बाइक पर दो युवक भी कॉलोनी से चले गए। सराफ की सूचना पर कॉलोनी वाले इकट्ठे हो गए।
तीन गेट बंद किए, एक गेट पर 24 घंटे निगरानी
शनिवार शाम हुई घटना के बाद कॉलोनी के गेट नंबर दो, तीन और चार पर तालाबंदी कर दी गई है। केवल गेट नंबर एक को ही खुला रखा है। इसका भी आधा गेट ही खुला रहेगा। पुरानी घटना से सबक लेकर लोग चौकन्ने थे। शनिवार रात घटनाक्रम के बाद दिन में ड्यूटी देने वाले चौकीदार मुरली मनोहर को बुला लिया। गेट नंबर दो पर चौकीदारी कर रहे रतनलाल को भी गेट नंबर एक पर बैठा दिया गया।
पुलिस बाहर से ही लौट जाती है
रामवाटिका वेलफेयर सोसायटी के सचिव मनोज माहेश्वरी व यहां रहने वाले विशन सिंह और डॉ. एके सक्सेना आदि ने कॉलोनी के मौजूदा हाल पर चिंता जताई। कहा कि कुछ दिनों से अजीबोगरीब बातें हो रही हैं। पुलिस की सक्रियता गेट के बाहर सड़क तक रहती है। पुलिस अंदर गश्त करने नहीं आती।
कपड़े फाड़ने वाला दबोचा था
तीन दिन पहले ही कॉलोनी के एक घर में घुसे युवक को पकड़ा गया था। पहले उसके चोर होने का शक था। बाद में जेब से रेजर और ब्लेड मिला। पता लगा कि वह घरों में घुसकर सूखने को टांगे गए महिलाओं के कपड़े फाड़ता था। कुछ लोग उसे नशेड़ी तो कुछ मानसिक मंद बताने लगे। लोगों ने पिटाई कर माफी मांगने के बाद उसे छोड़ दिया तो पुलिस ने भी कार्रवाई नहीं की।
रोज खुद करता हूं गश्त: चौकी प्रभारी
श्यामगंज चौकी प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि पहले रामवाटिका की गश्त चीता बाइक स्टाफ के हवाले थी। कपड़े फाड़ने वाली घटना के बाद रोज रात में मैं खुद बाइक से कॉलोनी में गश्त करता हूं। यहां सक्रियता और बढ़ाई जाएगी।
रामवाटिका कॉलोनी से किसी घटनाक्रम को लेकर पुलिस के पास कोई सूचना नहीं आई है। अगर कोई अजीब बात लगती है तो पुलिस को जरूर बताना चाहिए। वैसे पुलिस अपनी ओर से गश्त बढ़ाएगी। लोगों को अफवाहों से भी बचना चाहिए। - शैलेश पांडेय, एसएसपी
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