नयी दिल्ली: कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद कुछ नेताओं ने आशंका जतायी है कि उनके जाने से पुराने नेताओं द्वारा स्थापित यह धारणा टूटने लगेगी कि ‘पार्टी में सब सही है’। सिंधिया का इस्तीफा पार्टी में बढ़ते नेतृत्व के संकट की ओर इशारा कर रहा है। साथ ही इससे पुराने और युवा नेताओं के बीच संघर्ष भी सामने आ रहा है।
पहचान जाहिर नहीं करने के इच्छुक कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के अन्य युवा नेताओं में भी विरोध का झंडा उठाने या अन्य पार्टियों में अपने लिए जगह तलाशने की इच्छा बढ़ेगी। हमें कई बार कांग्रेसी नेताओं के भाजपा के साथ बातचीत करने की खबरें सुनायी देती हैं। अब इनमें तेजी आ सकती है।’’
हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने इसे सिर्फ अटकलें बताया है कि सिंधिया के जाने से अन्य नेता भी उनके नक्शे कदम पर चलने लगेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति को अपनी महत्वाकांक्षा रखने और अपना फैसला लेने का हक है। उन्होंने फैसला लिया है, कांग्रेस पार्टी ने इसे समझा है और फिलहाल मामले को यही छोड़ने का निर्णय लिया है।’’<script data-ad-client="ca-pub-2677261938019302" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script>
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